परेशानी : अंचल के शासकीय स्कूल भवनों की हालत जर्जर शिक्षकों की कमी भी


टपकती छत के नीचे गीले में बैठने को मजबूर है विद्यार्थी


          ग्राउंड रिपोर्ट

        अनिल उपाध्याय

              खातेगांव

एक और जहां शिक्षा के नाम पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी और ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के मंदिरों की स्थिति खस्ताहाल है। जर्जर भवन, टपकती छत, शिक्षकों की कमी, पेयजल की समस्या, जैसी ज्वलंत समस्याओं से इन दिनों सरकारी स्कूलों में अध्यनरत नौनिहालो को जूझना पड़ रहा है, जिससे उनका जीवन अंधकार में है, हरणगांव क्षेत्र के कई सरकारी स्कूल शिक्षक विहीन है।

एकीकृत शाला माध्यमिक विद्यालय हरणगांव के शाला प्रभारी राजेश जैन ने बताया कि हमारे यहां शाला में 215 बच्चे दर्ज हैं लेकिन अध्यापन के लिए हमारे पास केवल 3 शिक्षक ही हैं हमारे द्वारा 3 कक्षाएं लगाकर बारी बारी से उन्हें पढ़ाया जाता है। कक्षा 1से 8 तक के बच्चों को बैठाने के लिए हमारे पास 6 कक्ष है किन्तु बारिश के मौसम में सभी की छत से बारिश का पानी टपकता है, स्कूल समय में बारिश होने पर स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती है । कार्यालय कक्ष में भी बारिश का पानी छत से टपकता है जिससे विद्यालय के दस्तावेज भी भीग गए है। राज्य शिक्षाकेंद्र से प्राप्त टेबल व बेंच भी कक्ष में पानी टपकने के कारण खराब हो रही है,

 स्कूल में बाउंड्रीबाल नहीं होने से मोहल्ले के लोग स्कूल परिसर में ही कचरा डाल जाते हैं इसलिए हमें शाला परिसर की बार-बार सफाई करवानी पड़ती है। बाउंड्रीबाल नहीं होने से आसामाजिक तत्वों द्वारा टॉयलेट के गेट तोड़ दिए गए हैं, शाला परिसर में बच्चों के पीने के पानी के लिए जल संरचना भी निर्मित की गई थी किंतु लोगों द्वारा उसके भी नल तोड़ दिए गए हैं और उसमें लगी टाइल्स भी उखाड़ ले गए है, हमारे द्वारा बाउंड्रीबाल की मांग काफी समय से ग्राम पंचायत एव डाइस प्रपत्र के माध्यम से विभाग से भी की गई है किंतु अभी तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है। एकीकृत शाला माध्यमिक विद्यालय सिराल्या खुर्द में 36 बच्चे दर्ज हैं, अध्यापन कार्य के लिए पांच कक्ष है, जिनमें से चार कमरों में बारिश का पानी टपकता है ऐसी परिस्थिति में सभी बच्चों को एक साथ एक ही कमरे में बैठाना पड़ता है तथा यहां कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक ही शिक्षक है। रंगाई पुताई के अभाव में स्कूल भवन की दशा भी खराब हो गई है। प्राथमिक विद्यालय जूनापानी बुजुर्ग में 50 बच्चे दर्ज हैं यहां पर कोई सरकारी शिक्षक पदस्थ नहीं है समीप के ग्राम गुुुुवाडी के शाला प्रभारी द्वारा स्कूल संचालित कराया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय लकडानी में 47 बच्चे दर्ज है ,अध्यापन के लिए यहां 2 कक्ष हैै एक कमरे में बारिश का पानी टपकता है,इसलिए सभी बच्चों को एकत्र कर एक ही कमरे में बैठा कर अध्यापन कार्य कराया जा रहा है, यहां अध्यापन के लिए एक ही शिक्षक पदस्थ है तथा किचन शेड जीर्णशीर्ण अवस्था में होने के कारण किचन शेड में बारिश का पानी भरा है इसलिए समूह की महिलाएं स्कूली बच्चों के लिए मध्यान भोजन अपने घरों से बनाकर लाती है, आसामाजिक तत्वों द्वारा शौचालय एवं टॉयलेट के गेट भी तोड़ दिए गए हैं। माध्यमिक विद्यालय निवारदी में 66 बच्चे दर्ज है यहां शाला शिक्षक विहीन है। अध्यापन के लिए तीन कक्ष है जिनमें से 2 कमरों मेंं बारिश का पानी छत से टपकता है।इसलिए सभी बच्चों को एकत्र कर एक ही कक्ष में बैठाना पड़ रहा है। यहां पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक द्वारा स्कूल संचालित करवाया जा रहा है।