सोनकच्छ, भौरासा

छोटे छोटे बच्चों की जान जोखिम में डालकर किया जाता है नाला पार 


बस में भेड़ बकरी की तरह भरकर ढोए जा रहे है भोरासा में निजी स्कूल के बच्चे

रिपोर्टर आनंद ठाकुर (90092 46030)

अभी कुछ दिनों पूर्व उज्जैन में एक दर्दनाक घटना सामने आई थी जिसमें स्कूल जा रहे बच्चों की मौत हो गई थी उस समय पर मध्य प्रदेश में गाइडलाइन नियमों स्कूल के सिस्टम पर चर्चा हुई थी 2 से 3 दिन चर्चा हुई और सब बंद हो गया छोटी जगहों पर कई प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी करते हुए बच्चों को अपने हिसाब से वाहनों में ढोकर स्कूल ले जाते हैं ऐसा एक मामला भौरासा नगर के प्रोग्रेसिव ग्लोबल अकैडमी कि बस में सवार क्षमता से ज्यादा बच्चों को ले जा रही बस मैं देखा जा सकता है इस बस में आज जब नगर के लोगों ने चेक किया तो इस बस में लगभग 70 से 80 बच्चे भर रखे थे सिक्खेड़ी रोड पर यह स्कूल मौजूद है इस स्कूल में बच्चों को लेकर आने जाने वाला रास्ता काफी ज्यादा जर्जर हो चुका है इस रास्ते पर कई किसानों के खेत है जिन्होंने कई बार स्कूल प्रशासन को कहा है कि इस रास्ते को आप सुधरा ले आपकी बस यहां से निकलती है जिसमें काफी ज्यादा बच्चे सवार होते हैं और उनकी जान पर हमेशा बनी रहती है हाल ही में बारिश के चलते इस रोड पर से निकलने वाले पानी के कारण यहां एक पाइप डला हुआ था जो भी टूट गया है जिससे रोड के बीच में बड़ी सी गैप हो गई है जिसमें पत्थर रखकर स्कूल की बस निकाली जाती है वहां के स्थानीय किसानों ने बताया कि यह रोड टूट जाने के बाद कई बार स्कूल की बस पास के नाले से निकाली जाती है जिससे कि यहां पर बच्चों की जान को खतरा रहता है हम लोगों ने मिलकर कई बार स्कूल प्रशासन को अवगत कराया है


परंतु यह लोग नहीं मान रहे हैं जिस पर हम लोगों ने आज एकत्रित होकर स्कूल की बस को रोका है तब जाकर स्कूल प्रशासन हमसे मिलने आया और फिर इस नाले पर पाइप डालने की बात कहीं है बात तो यह पहले भी कह चुके हैं परंतु आज तक इसका निराकरण नहीं किया गया है किसानों ने पहले अपने खर्चे पर मोरम डालकर इस रोड को दुरुस्त करवाया था तब भी स्कूल प्रशासन को किसानों के द्वारा इस कार्य में मदद करने को कहा गया था परंतु उन्होंने साफ मना कर दिया था अब इनकी बसे दिनभर इस रोड पर से निकलती है जो कि बड़े-बड़े गड्ढों में से होकर निकलने पर बच्चों की जान को खतरा रहता है जिसके बाद आज यहा पर स्कूल की बस को रोकना पड़ा वही जब हम लोगों के द्वारा स्कूल में जाकर देखा गया तो वहां पर्याप्त मात्रा में बस खड़ी हुई थी जिस पर किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि वेलकम करने को लेकर हो सकता है एक ही बस में इतने सारे बच्चों को ले जाया जाता हो,,,,