जिसकी रचना इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा 

सोमवार से रविवार के बीच एक और वार होता है उसे कहते हैं,परिवार

(-संतोष पथोरिया) 

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         समाचार लाइव न्यूज 

          अनिल उपाध्याय

          हरदा /देवास 

अपने कर्तव्यों के प्रति कर्तव्यनिष्ठ व अपने शासकीय कार्यों के साथ-साथ अपने कर्त्तव्य झेत्र में डुएटी के समय में से कुछ समय निकाल कर कुछ भिन्न प्रकार के कार्यों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी हंडिया आरआई संतोष पथोरिया ने बताया कि वह हमेशा जब भी अपने कर्तव्य झेत्र के भ्रमण पर रहते हैं तो वह अपने सरकारी काम को निपटाने के बाद कुछ समय निकालकर कुछ न कुछ रचनात्मक कार्य करने में अपनी रुचि रखते हैं। पथोरिया ने बताया कि आजकल की भागदौड़ में सरकारी नौकरी में रहते हुए विशेषकर राजस्व विभाग के कर्मचारियों को अलग से प्राकृतिक,पर्यटन व धार्मिक स्थलों की सैर करना व अपने बच्चों व परिवार को ऐसे स्थानों पर ले जाने का समय नहीं के बराबर होता है। उन्होंने बताया कि खासकर हंडिया तहसील में जितने तीज त्यौहारों की सरकारी छुटियाँ होती हैं उन पर अक्सर उनकी डुएटी लगती है।जैसे- होली,दीवाली,महाशिवरात्रि, कृष्ण जन्माष्टमी,गणेशविसर्जन,दुर्गा विसर्जन,भुजलिया,डोल ग्यारस,अमावस्या,पूर्णिमा के साथ ही ईद हो या धार्मिक व सामाजिक व राजनीतिक कार्यक्रम जिनकीं शुरुआत हंडिया से होती है, उनमें हमेशा उनकीं डुएटी रहती है। ऐसे वो ज्यादा दूर नहीं तो वह अपने बच्चों व परिवार को हंडिया तहसील क्षेत्र व आसपास के ही प्राकतिक,धार्मिक व पर्यटन/दर्शनीय स्थलों में नर्मदा जी,नाभि स्थल,नौका बिहार,रिदहेश्वर मंदिर,हिडोलनाथ/मंगलनाथ,कामाक्षा देवी,करुणाधाम आश्रम व भन्डगशाह की दरगाह,मुल्ला दो प्याजा,तेली की सराह,तुर्क बीबी का मकबरा,जोगा का किला व हंडिया के पास नेमावर में सिध्हेवर मंदिर,जैन मंदिर इत्यादि के दर्शन करा दिया करते हैं। और अपनी डुएटी के साथ ही समय निकालकर मनोरंजन कर लिया करते हैं।