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संवाददाता
अनिल उपाध्याय
खातेगांव'/देवास
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हर साल फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी चतुर्दशी तिथि पर हिंदूओ द्वारा शिव पूजा का महापर्व शिवरात्रि मनाया जाता है!
इस बार शुक्रवार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा पंडितों के मुताबिक सूर्य कुंभ राशि और चंद्र मकर राशि में होता है तब फागुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात यह पर्व मनाया जाता है!
इस वर्ष 21 फरवरी की शाम
5 .36 बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी ,शिवरात्रि रात्रि का पर्व है और 21 फरवरी की रात चतुर्दशी तिथि रहेगी इसलिए इस साल यह पर्व 21 फरवरी को मनाया जाएगा!
117 साल बाद आया संयोग,
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इस बार शिवरात्रि पर्व 117 साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग बन रहा है दुर्लभ संयोग के कारण इस बार सूर्य भक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा है! नेमावर के नर्मदा तट स्थित सिद्धनाथ महादेव मंदिर के साथ ही सभी शिवालयों में पर्व को लेकर तैयारी शुरू हो गई है मंदिरों की सजा सजा के साथ अनुष्ठान के सामग्री की तैयारी मंदिरों पर मेलों का आयोजन भी होगा जिनकी की रूपरेखा तैयारी की गई है! बुधादीत और कालसर्प योग भी रहेगा शिवरात्रि पर 21 फरवरी को बुध और सूर्य कुंभ राशि में एक साथ रहेगा इस वजह से बुध आदित्य योग बनेगा इसके अतिरिक्त इस दिन सभी ग्रह राहु-केतु के मध्य रहेंगे इस वजह से कालसर्प योग भी बन रहा है !शिवरात्रि पर राहु मिथुन राशि में और केतु धनु राशि में रहेगा शेष सभी ग्रह राहु केतु के बीच रहेंगे सूर्य और बुध कुंभ राशि में शनि और चंद्र मकर राशि में मंगल और गुरु धनु राशि में शुक्र मीन राशि में रहेगा सभी ग्रह राहु केतु के बीच होने से सर्प योग बनेगा!
नए कार्यों के लिए शुभ
स्वार्थ सिद्धि योग
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21 फरवरी को स्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा पूजन और नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह योग शुभ है ! इस साल शनि ने 23 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश किया है! शिवरात्रि यानी 21 फरवरी पर शनि के साथ चंद्र ग्रह का शनि चंद्र की युति की वजह से विश्व योग बन रहा है! इस साल से पहले करीब 28 साल पहले शिवरात्रि पर विश योग 2 मार्च 1992 को बना था !इस योग में शनि और चंद्र के लिए विशेष पूजा करनी चाहिए शिवरात्रि पर योग बनने से और अधिक बढ़ गया!
25 फरवरी 1903 में बना था ऐसा दुर्लभ योग
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पंडितों के अनुसार इस बार शिवरात्रि पर शनि अपनी स्वय की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा यह एक दुर्लभ योग है जब यह दोनों बड़े ग्रह शिवरात्रि पर इस स्थिति में रहेंगे! इससे पहले 25 फरवरी 1903 को ठीक येसा योग्ग सहयोग बना था! और शिवरात्रि मनाई गई थी !इस साल शुरू भी अपनी स्वराशि में स्थित इस योग में शिव की पूजा करने से शनि गुरु शुक्र के दोषो से भी मुक्ति मिल जा सकती है!
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