कथा दर्शन है संत श्री परमानन्द जी महाराज
सतवास (रिपोर्टर ऋषभ मीणा)
धरा धाम मे अयोजित कथा का आज चतुर्थ् दिन मे महाराज श्री ने व्यासपीठ से बोला कि कथा हि दर्सन है हमारी कल्पना के साथ भगबान की भावना भी होना चाहिए जब जब विपत्ति आवे तो अपने गुरु को याद करना चहिए गुरु का जीवन मे होना जरुरी है आज दुःख है तो कल सूख भी होगा परमात्मा कि शरण मे बने रहो महाराज श्री ने आपने द्रस्तान्त मे बताया की संध्या के समय चार कर्म नहीं करना चहिए भोजन ,स्त्री के साथ बैठना ,सोना ,पड़ना भी नहीं चहिए माता पीता व गुरु का सम्मान करना चहिए यही सृस्टि का नियम है भगबान तो भाबना मे रहते है महाराज श्री ने आगे बताया की यह कलयुग चार लाख बतिस हज़ार वर्ष रहेगा अभी कलयुग को पाच हज़ार साल हि गुज़रे है महाराज श्री ने श्री कृष्ण लीला का वर्णन किया कृष्ण जन्मओत्सव बढी धूम धाम से मनाया गया व्यासपीठ की नगर पन्चायत उपाअद्ययक्ष श्री अंकित जायसवाल व् भारतिय जनता पार्टी के उपाअध्यक्ष श्री जय प्रकास शर्मा ,सरपंच प्रति निधि श्री गोविन्द छापरवाल व् गिरिधर छापरवाल ने किया
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