भौरासा
शीतला सप्तमी, नहीं जलाएंगे घरों में चूल्हा,,,,,,
शीतला माता को लगाया ठंडे भोजन का भोग.....
माता की पूजा करने रात 12:00 बजे से पहुंची महिलाएं जो रविवार सुबह तक जारी रहेगी....
रिपोर्टर आनंद ठाकुर
भौरासा हिन्दी पंचांग के अनुसार होली के सातवें दिन माता शीतला को भोजन के माध्यम से याद किया जाता है उन्हें ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है रंग पंचमी के दो दिन बाद शीतला सतमी आती है रविवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है आज के दिन शीतला माता की पूजा की जाती है। उनकी कृपा से निरोगी जीवन का आशीष प्राप्त होता है।शीतला माता को हमेशा बासी भोजन का ही भोग लगाया जाता है. पूजा के बाद मां को मीठा भात (ओलिया), खाजा, चूरमा, मगद, नमक पारे, शक्कर पारे, बेसन चक्की, पुए, पकौड़ी,राबड़ी, बाजरे की रोटी, पूड़ी, सब्जी भोग लगाया जाता है. शीतला सप्तमी की पूजा के बाद चालीसा पढ़ी जाती है.इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलता है और एक दिन पहले बने ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है जिसे प्रसाद के रूप में सभी लोग ग्रहण करते है। पंडित मनोज जोशी के अनुसार शरीर को रोग मुक्त करने के लिए शीतला माता का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि शीतला माता के पूजन से चेचक जैसे रोगों से मुक्ति मिलती है। इसमें महिलाएं सुर्योदय से पहले उठकर शीतला माता मंदिरों में जाकर पूजा करती है। पूजा के बाद स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की जाती है। इसके अलावा शीतला माता की कथा भी सुनी जाती है। इस दिन महिलाएं माता का व्रत भी रखती है। ऐसी मान्यता है। कि इस दिन विधि-विधान से पूजन से पूजन करने वाले की मनोकामना पूरी होती है आज रात्रि 12:00 बजे से ही नगर के माली मोहल्ला स्थित शीतला माता मंदिर भौरासा थाना परिसर के पास लोधी मोहल्ला में स्थित शीतला माता मंदिर व पटेल के ओटलै पर स्थित शीतला माता मंदिर एवं देव धर्म गली देव मंदिर के पास मैं स्थित मंदिर में शनिवार रात्रि 12:00 बजे से ही महिलाएं मां शीतला की पूजा करने पहुंची व सुख समृद्धि की कामना की व माता का आशीर्वाद प्राप्त किया
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