ग्रामीण सोसायटी में करोड़ो का गबन - धोखाधड़ी के शिकार किसान लगा रहे है आरोप,। ओर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के साथ पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे है ।
संवाददाता संजय जोशी
सीहोर जिले के आष्टामें किसानों का आरोप ग्राम दुपाडिया के जिला कार्यालय में शिकायती आवेदन देने के बाद आष्टा तहसील कार्यालय के सामने पहुंचे सैकड़ों किसान नारे लगाते हुए अपने साथ हुई धोखाधड़ी की आप बीती सुना रहे थे,, किसान कर्ज माफी में सोसायटी द्वारा की गई धोखाधड़ी को लेकर खुल कर आरोप , लगा रहे थे सोसायटी प्रबंधक ओर कर्मचारी को बता रहे थे दोषी ।किसानों का कहना है कि दो हजार अट्ठारह में कमलनाथ सरकार द्वारा ऋण माफी की गई थी जिसमें पचास हजार से दो लाख तक किसानों का सोसायटी कर्ज माफ किया गया था। जो हमे प्राप्त होना था किंतु हमारी अज्ञानता का लाभ लेकर सोसायटी प्रबंधक ओर कर्मचारियों ने हमारी ऋण माफी की करोड़ो की रकम गलत तरीके से अपने पास रख ली । हम 6 गांव के हजारों किसान ऋण माफी की राशि से वंचित है ।
सहकारिता में भ्रष्टाचार की जड़े कितनी गहरी है इसका अंदाजा कॉपरेटिव बैंक की ग्रामीण शाखाओं ओर सोसायटियो में हो रहे करोड़ो के गोलमाल से लगाया जा सकता है । दुपाडिया सोसायटी में हुए गोलमाल की जानकारी भी हाल ही में व्हाट्सएप एवं सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऋण माफी की लिस्ट के आधार पर पता चली। । ओर दुपाडिया सोसायटी के किसानों को अपने साथ हुई धोखाधड़ी एहसास हुआ । ग्रामीणों का कहना है की जब हमने सोसाइटी एवं बैंकों में तलाश की तो वहां उपस्थित कर्मचारी एवं प्रबंधक ने कहा कि आपकी बीमा राशि आई तो है, पर पहले आप सोसायटी की बकाया राशि जमा कर दें। उसके बाद कर्ज माफी वाली रकम भी आपको मिल जाएगी।
आपको बता दे कि दुपाडिया सोसायटी के किसान आज स्वयं को पूरी तरह से लुटा पीटा मान रहे है, । शंका के आधार पर सारे ग्रामवासी एवम दुपाडिया सोसायटी में लगने वाले अन्य 5 गांव के सेकड़ो की संख्या में लोग इकट्ठा होकर आज तहसील कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम देते हुए मांग की कि दुपाड़िया सोसाइटी को तुरंत सील कर इसके कर्मचारियों के खिलाफ जांच की जाए साथ ही हकीमाबाद कॉपरेटिव बैंक की भी इसमें मिलीभगत होने की शंका जाहिर की है। बता दे कोऑपरेटिव बैंक की हकीमाबाद शाखा पहले भी करोड़ो के गबन के मामले में आज भी जांच के घेरे में है ,
आपको बता दे कि कोऑपरेटिव बैंक हो या अंतर्गत सोसायटी किसानों के साथ ओर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी होना आम बात हो गयी है ।विदित रहे आष्टा तहसील के ग्राम हकीमाबाद ओर मेहतवाड़ा के कोऑपरेटिव बैंकों में हुई करोड़ो की धोखाधड़ी के मामले आज भी न्यायालय में विचाराधीन है , ओर अब खाद बीज और नगदी ऋण देने वाली किसानों की सोसायटी के प्रबंधक ओर कर्मचारियों ने किसानों को ही चुना लगाते हुए करोड़ो की चपत लगा दी । जब किसानों को वास्तविकता पता चली तो पैरों तले जमीन खिसक गई , यह जरूर है कि मामले के उजागर होते ही जिम्मेदारों ने कुछ किसानों को घर घर जाकर चुपचाप राशि भी लोटा रहे है । इस धोखाधड़ी शिकार हुए आक्रोशित किसानों का बड़ा हुजूम आज तहसील कार्यालय के सामने वाले गेट पर इकट्ठे होकर अपने हक की मांग कर रहा था वही दोषी सोसायटी प्रबंधक ओर अन्य कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग कर रहे थे । चुकी तहसील कार्यालय पर ताला लगा हुआ था क्योंकि पिछले दिनों छिंदवाड़ा जिले में हुई घटना के विरोध में तहसीलों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसे में शोषित हुए किसान द्वार पर ही अपनी व्यथा सुना कर चले गए , । सेकड़ो किसानों ने सीहोर जाकर भी जिलाधिकारी के कार्यालय जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवायी ।
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