कारगिल की जंग में शहीद हुए जवानों को भूतपूर्व सैनिकों ने
---------------------------------
संवाददाता
अनिल उपाध्याय
खातेगांव
कारगिल युद्ध को 21 साल होने जा रहे हैं। साल 1999 में 26 जुलाई का ही वह दिन था, जब भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ते हुए कारगिल
की पहाड़ियों पर तिरंगा लहराया था। हमारे जवानों ने अपने अद्म्य साहस का परिचय दिया और जांबाजी से युद्ध लड़ते हुए दुश्मन को भागने पर मजबूर कर दिया।
आज के दिन खातेगांव मे भूतपूर्व सैनिक संगठन के बैनर तले इंदौर बैतूल हाईवे पर तालाब के पास स्थित गार्डन में वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मोमबत्ती जलाकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई इस दौरान 2 मिनट का मौन रखकर सैनिकों को याद किया गया इस अवसर पर थाना प्रभारी सज्जन सिंह मुकाती एवं खातेगांव क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिक जिसमें कारगिल युद्ध के दौरान युद्ध लड़ने वाले भूतपूर्व सैनिक भी शामिल थे सभी ने देश के शहीदों को नम आंखों से याद किया इस दौरान कारगिल युद्ध में सांस लड़े भूतपूर्व सैनिकों ने स्मरण के दौरान बताया कि उस दौरान
मुश्किलें बहुत थीं, लेकिन हमारे जवान डटे रहे। पाक सैनिक उंची पहाड़ियों पर चौकी बनाकर बैठे थे। मगर भारतीय जवानों ने हार नहीं मानी। दो महीने भारतीय जवान भूखे-प्यासे सर्द मौसम की मुश्किलों को झेलते हुए डटे रहे। कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर करीब 60 दिनों तक चले युद्ध में भारतीय सेना के जज्बे के सामने पाक सैनिकों ने आखिकार घुटने टेक दिए। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाक चौकियों पर भी जमकर हमले किए।
मगर इस युद्ध में जीत के लिए हमें कीमत भी चुकानी पड़ी। कारगिल में हमने अपने 527 जांबाज जवानों को हमेशा के लिए गंवा दिया। 21 साल बाद भी देश सेना के इन सपूतों के बलिदान को भूला नहीं है। कारगिल विजय दिवस के मौके पर देश पर जान न्योछावर करने वाले शहीदों को याद करना एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
0 टिप्पणियाँ