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अनिल उपाध्याय
 खातेगांव/
मालवा अंचल में सत्तू अमावस्या का बड़ा ही धार्मिक महत्त्व है! यहां घर घर में सत्तू तैयार कर भगवान को भोग लगाने के बाद उसे ग्रहण किया जाता है! प्रतिवर्ष सत्तू अमावस्या पर नेमावर के नर्मदा तट पहुंचकर महिलाएं मां नर्मदा की पूजा अर्चना कर मां नर्मदा को सक्तु का भोग लगाती है! लेकिन इस वर्ष कोरोनावायरस महामारी के चलते इस वर्ष किसी भी प्रकार के कोई भी सामूहिक आयोजन एवं नर्मदा तट पर होने वाले किसी भी आयोजन पर पूर्णता प्रतिबंध है! उसी को देखते हुए दुर्गा वाहिनी की बहनों ने सत्तू के 1000 पैकेट तैयार कर घर-घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया! इस दौरान सोशल डिक्टेशन का पूरी तरह से पालन किया गया ! हिंदू धर्म की इस परंपरा को बचाएं रखने के लिए दुर्गा वाहिनी की बहनों ने जो कदम उठाया है, उसकी सभी ने सराहना की हे!