खुशियों की दास्तां
सौदा पत्रक के माध्यम से 100 क्विंटल गेहूं बेचकर खुश है-किसान अनिल पटेल
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आरटीजीएस/एनईएफटी से खाते में आए रुपए,
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राज्य शासन के किसान हितैषी फैसले से बहुत खुश है कृषकगण
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अनिल उपाध्याय
खातेगांव/देवास
देवास 25 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस के बचाव एवं सुरक्षा से जनजीवन प्रभावित न हो इसके लिए पूरे भारत सहित जिले में भी लॉक डाउन लगाया गया है। इस लॉक डाउन में प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से गेहूं, चने की फसलें खरीदी जा रही है। जिले में लॉकडाउन के दौरान सौदा पत्रक के माध्यम से समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य पर करीब 100 क्विंटल गेहूं बेचकर ग्राम उपड़ी जिला देवास के कृषक अनिल पटेल बहुत खुश है। किसान अनिल पटेल ने सौदा पत्रक के माध्यम से करीब 100 क्विंटल गेहूं विक्रय किया है, जहां उन्हें उनकी उपज की कीमत मिली है।
कृषक अनिल पटेल ने बताया कि उन्हें किसानों से जानकारी मिली कि राज्य शासन की सौदा पत्रक योजना के तहत किसान व व्यापारी के बीच आपसी सहमति से सौदा कर गेहूं खरीदे जा रहे हैं तो मंडी में अपने गेहूं का सैंपल लेकर आए । यहां अपनी फसल विक्रय करने को मूर्त रूप दिया। उन्होंने बताया कि यहां उनकी उपज की उन्हें अच्छी राशि प्राप्त हुई हैं तथा समर्थन मूल्य से अधिक कीमत 1975 रुपए प्रति क्विंटल के मान से उन्होंने करीब 100 क्विंटल फसल बेचना फायनल किया। उन्होंने बताया कि गुरुवार को उन्हें फसल तौल दी जाएगी तथा आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में रुपए आ गए हैं। बहुत सारे किसान सरकार द्वारा सौदा पत्र के माध्यम से गेहूं की उपज क्रय-विक्रय की योजना पर गेहूं की खरीदी शुरू होने से काफी खुश दिख रहे है। लॉकडाउन में बाजार व मण्डी बंद होने से इन किसानों का तैयार गेहूं घर पर ही रखा था और उन्हे गेहूं विक्रय की चिंन्ता सता रही थी। ऐसे में सौदा पत्रक के माध्यम से खरीदी केन्द्रों पर गेहूं का विक्रय कर यह सभी किसान चिन्ता मुक्त हो गए है। उन्होंने बताया कि फसल की उपज बिकने से अब उनकी आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाएंगी। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान तथा प्रदेश सरकार को हृदय से धन्यवाद दे रहे हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग का हो रहा है पालन
किसान अनिल पटेल ने बताया कि सौदा पत्रक के माध्यम से गेहूं उपज की विक्रय की व्यवस्था से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लागू सोशल डिस्टेंसिंग के नियमो का पालन करते हुए समुचित सावधानियों के साथ उपार्जन कार्य किया जा रहा है। इस योजना में किसान व व्यापारी आपसी सहमति से सौदा तय करते हैं किसान को अपनी उपज बेचने के लिए खरीदी केंद्र पर नहीं जाना पड़ता है बल्कि व्यापारी स्वयं किसान के घर आकर उपज की तुलाई हो जाती है। व्यापारी किसान के खाते में एनईएफटी/आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खाते में सीधे भुगतान करते हैं। किसानों ने मंडियों के समन्वय से किसान व व्यापारी के बीच सऊदी के माध्यम से गेहूं की उपज की विक्रय की इस व्यवस्था की प्रशंसा की है।
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