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अनिल उपाध्याय
खातेगांव/
मध्यप्रदेश की गिनी-चुनी मंडियों में शुमार ए ग्रेड की खातेगांव कृषि उपज मंडी में पिछले 6 माह से सचिव का पद रिक्त पड़ा है! सचिव के अभाव में प्रभारी सचिव के भरोसे मंडी का काम का संचालित हो रहा है! जिससे जहां मंडी कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वही समस्या लेकर पहुंचने वाला किसान को भी संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं मिल पाता जिम्मेदार यह कहते हुए पल्ला झाड़ लेते हैं कि सचिव नहीं है यह काम हमसे नहीं हो सकता कुछ ऐसा ही चल रहा है बीते 6 माह से मंडी सूत्रों की मानें तो 13 सितंबर 2019 को मंडी सचिव राकेश दुबे का स्थानांतरण धार मंडी में हो गया उसके बाद से ही मंडी बोर्ड द्वारा अभी तक किसी भी सचिव की नियुक्ति खातेगांव मंडी में नहीं की गई स्थिति यह है कि इस मंडी का सचिव का प्रभार कभी उसे तो कभी उसे देकर काम चलाया जा रहा है !आखिर यह कब तक चलेगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है आने वाला समय गेहूं और चने विक्रय का है ऐसी स्थिति में मंडी पहुंचने वाले किसानों समस्या का आखिर कौन करेगा निराकाकरण,
6 माह में 4 प्रभारी सचिव
बदल गए
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यदि हम पिछले 6 माह में की बात करें तो इन 6 माह में 4 प्रभारी सचिव बदल चुके हैं!
6 माह में सबसे पहले खातेगांव मंडी में पदस्थ प्रभारी सहायक सचिव की बात करें तो सबसे पहले उपनिरीक्षक मोहन सिंह धायना, उनके पश्चात तहसीलदार अलका एक्का उनके स्थानांतरण के बाद कन्नौद तहसीलदार संजय शर्मा को मंडी सचिव का प्रभार सौंपा गया। उनके स्थानांतरण के बाद अब तहसीलदार श्रीमती राधा महंत को मंडी सचिव की जिम्मेदारी मिली 6 माह में चार अधिकारियों के पास मंडी का प्रभार मिला ।
तहसीलदार के पास पहले से ही बहुत काम होते हैं
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तहसीलदार के पास पहले से ही बहुत काम होते हैं राजस्व विभाग में न्यायलय संचालित करने के साथ ही नामांतरण बंटवारा सीमांकन के अलावा अन्य व्यवस्थाएं तहसीलदार को देखना पड़ती है ! यदि हम तहसीलदार
श्रीमती राधा महंत की बात करें तो उनके पास पहले से ही अतिरिक्त अन्य प्रभार है !मण्डी सचिव का प्रभार ऐसी स्थिति में आने वाले समय में जहा ग्राम पंचायत नगर परिषद के चुनाव होना है !वही मंडी में गेहूं चने की आवक होने होना है ऐसी स्थिति में काम का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा
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